महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए, ये दुनिया की रस्म है मोहब्बत न समझ लेना। 

मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो। 

 इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो। 

 खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को, दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी।

जाते-जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे, जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है। 

हो सके तो मुड़ कर देख लेना जाते जाते, तेरे आने के भरम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे। 

 मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने, किसी की बेवफाई ने किसी के झूठे वादों ने। 

सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने​​, ​हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।